Tuesday, September 13, 2011

तुमको याद तो मेरी आई

इतने बीते दिन और रैना
फिर भी तुमको 
याद न मेरी आई
तुम बेशक भूले मुझको 
पर मैं तुम्हें
भूल न पाई
रही बदलती करवट पल-पल
रातों को भी एक पल 
नींद न मुझको आई
आज बजी फोन की घंटी
उस ओर से आई 
मीठी ध्वनि सी
चलो आज आखिर तुमको 
याद तो मेरी आई.
लेखिका- कामिनी@ कम्मो

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