तुमको याद तो मेरी आई
इतने बीते दिन और रैना
फिर भी तुमको
याद न मेरी आई
तुम बेशक भूले मुझको
पर मैं तुम्हें
भूल न पाई
रही बदलती करवट पल-पल
रातों को भी एक पल
नींद न मुझको आई
आज बजी फोन की घंटी
उस ओर से आई
मीठी ध्वनि सी
चलो आज आखिर तुमको
याद तो मेरी आई.
लेखिका- कामिनी@ कम्मो
very nice .. :)
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