Sunday, September 25, 2011

कभी तो आएगा वो दिन

कभी तो आएगा
तेरी बाहों में
समाने का दिन
कभी तो आएगा
तेरे सीने से
लग जाने का दिन
दिल में ख्वाब
जो पल रहे हैं
कभी तो आएगा
उनके सच
हो जाने का दिन
जो राज़ दिल में
छुपाये हैं तुमने
कभी तो आएगा
उनके अचानक ही
खुल जाने का दिन
तेरे काँधे पर
सर रख सोचती हूँ
कभी तो आएगा
ऐसे ही तेरे संग
मर जाने का दिन.


लेखिका- कामिनी@ कम्मो

Tuesday, September 13, 2011

तुमको याद तो मेरी आई

इतने बीते दिन और रैना
फिर भी तुमको 
याद न मेरी आई
तुम बेशक भूले मुझको 
पर मैं तुम्हें
भूल न पाई
रही बदलती करवट पल-पल
रातों को भी एक पल 
नींद न मुझको आई
आज बजी फोन की घंटी
उस ओर से आई 
मीठी ध्वनि सी
चलो आज आखिर तुमको 
याद तो मेरी आई.
लेखिका- कामिनी@ कम्मो